ये मेरे वतन के नेता.... विडंबन काव्य
ये मेरे वतन के नेता
जरा स्विस बँक में भरलो पैसा
जो लाल बहाददूर कर गए
हम क्यूं करे भला वैसा
जब देश मे है महंगाई
तुम और कितना खाओगे भाई
देश बन रहा कंगाल
तुम हो रहे हो मालामाल
कोई गल्ली का कोई दिल्ली का....
स्विस में पैसे भरनेवाला
हर नेता है भारतवासी
एक एक ने कितना खाया
फिर रिश्तेदारों को खिलाया
जब अंत समय आया तो
कहते है तुमभी खावो
अब हम तो भुके मर रहे है
ये मेरे वतन के नेता
जरा स्विस बँक में भरलो पैसा
जो लाल बहाददूर कर गए
हम क्यूं करे भला वैसा
जयहिंद जयहिंद जय हिंद  के नेता
भगवंत सुरवसे,
नळदुर्ग
मो. 9763830982 



 
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